Kailash Pandey, Nainital’s CPI (M-L) candidate for the Lok Sabha polls has complained to the Chief Electoral Officer that the nodal officer of the Model Code Monitoring Committee (MCMC) has disallowed pamphlets criticising Prime Minister Narendra Modi.The latter actually says the pamphlets must not have words like ‘Modi sarkar’ or communal fascism!
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मीडियाविजिल डेस्क
अगर आप चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के प्रत्याशी नहीं हैं, तो अपने प्रचार के परचे और सामग्री को लेकर सावधान हो जाइए। परचे में आप ‘नरेंद्र मोदी’ तो क्या, राजनाथ सिंह और अजित डोभाल का नाम भी नहीं ले सकते। आप परचे में ‘मोदी सरकार’ भी नहीं लिख सकते, उसकी जगह आपको भारत सरकार या केंद्र सरकार लिखना होगा। ‘सांप्रदायिक फासीवाद’ का प्रयोग भी वर्जित है और यह अपनी जनता को ‘’क्रांतिकारी’’ अभिवादन करना भी प्रतिबंधित है।

Kailash Pandey, CPI (ML) candidate for the LS Nainital seat
सबसे बडी बात, आप चुनाव तो भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन परचे पर ‘’भाजपा हराओ’’ नहीं लिख सकते। नैनीताल में भाकपा(माले) के प्रत्याशी के परचे के साथ जो बरताव आचार संहिता के नाम पर किया गया है, वह देश भर में नज़ीर बन सकता है।
आज के टाइम्स ऑफ इंडिया में नैनीताल से प्रकाशित रोहित जोशी की लिखी ख़बर भयावह है। हुआ यों है कि नैनीताल से भाकपा(माले) के प्रत्याशी कैलाश पांडे ने आचार संहिता निगरानी समिति के नोडल अफसर के खिलाफ मुख्य निर्वाचन आयुक्त को एक शिकायत भेजी है जिसमें उन्होंने पार्टी के चुनावी परचे में प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना से जुड़े शब्दों को प्रतिबंधित किए जाने पर घोर आपत्ति जतायी है। पांडे ने कहा है कि नोडल अफसर द्वारा तारी किया गया सेंसरशिप उनके जनतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
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