बिहार के पत्रकारों की नालंदा के निरंकुश जनसंपर्क पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग

May 12, 2025Statements

Last Updated on May 12, 2025 by freespeechcollective

बिहार के नालंदा जिला, जो मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का भी गृह जिला है, में एक निरंकुश और अभद्र जिला जनसंपर्क पदाधिकारी (डीपीआरओ) गुप्‍तेश्‍वर कुमार के तानाशाही रवैए से जिले और पूरे बिहार के पत्रकारों में बेहद आक्रोश है। वे लगातार पत्रकारों के खबर संकलन के कार्य में बाधा देते हैं और उन्हें जेल भेजने की सरेआम धमकी देते हैं। सरकारी आयोजनों का उनके मन मुताबिक कवरेज नहीं करने पर पत्रकारों से अभद्र भाषा में बात करते हैं। हाल ही में एक प्रमुख समाचार पत्र के पत्रकार के साथ हाथापाई तक की। जो सीधे-सीधे प्रेस की स्‍वतंत्रता पर कुठाराघात है। लोकतंत्र के चौथे स्‍तंभ पर इस तरह के हमले को कतई बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता। हम नालंदा जिला में डीपीआरओ एवं अन्‍य प्रशासनिक पदाधिकारियों के प्रेस एवं पत्रकारों कें प्रति अपमानजनक व्‍यवहार की कड़े शब्‍दों में निंदा करते हैं। हम बिहार के पत्रकार, मीडिया की स्‍वतंत्रता, निष्‍पक्षता और निडरता पर दमनकारी कार्रवाई की मानसिकता को पूरी तरह खत्‍म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मांग करते हैं कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार घटना का संज्ञान लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें।

हाल ही में दैनिक भास्‍कर के पत्रकार प्रमोद कुमार इस पदाधिकारी के गुस्से का शिकार हुए। राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में चार मई से लेकर 15 मई तक खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का आयोजन किया गया है। समाचार संकलन करने के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स द्वारा सभी पत्रकारों को आइडी कार्ड जारी किया गया है। इस आइडी कार्ड के माध्यम से ही पत्रकारों को स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में समाचार संकलन के लिये प्रवेश दिया जाता है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के प्रथम दिन चार मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्‍यम से आयोजन का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम राजगीर में खेल आयोजन स्थल पर टीवी स्क्रीन पर लाईव नहीं दिखाया गया। कायदे से खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को टीवी स्क्रीन पर लाईव दिखाने-सुनाने की व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी चाहिए थी । हालांकि जिला प्रशासन के पदाधिकारी खुद कुर्सी पर बैठकर खेल का आनंद उठा रहे थे। दर्शकों को मुख्य द्वार पर ही रोक दिया गया। मुख्य द्वार पर सुरक्षा कर्मी एवं जिला प्रशासन के पदाधिकारी तैनात थे। वह वरीय अधिकारियों के आदेश का हवाला देकर लोगों को अंदर जाने नहीं दे रहे थे। जिसके कारण दर्शक बेहद मायूस हुए। दर्शकों को प्रवेश नहीं देने के कारण दर्शक दीर्घा बिल्कुल खाली रहा। इस खबर को दैनिक भास्‍कर अखवार में प्रकाशित किया गया। जिसके बाद नालंदा जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी गुप्तेश्वर कुमार ने पत्रकार प्रमोद कुमार को धमकाया। मगर प्रमोद कुमार ने बिना ड़रे दूसरे दिन भी खेल के आयोजन में जिला प्रशासन की कमियों और लापरवाही को प्रकाशित किया। इसके बाद जनसंपर्क पदाधिकारी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में छह मई को शाम करीब पांच बजे प्रमोद कुमार के साथ बलपूर्वक दुर्व्यवहार करते हुए उनका हाथ और गर्दन पकड़कर जबरन इंडिया यूथ गेम्स द्वारा जारी उनका आइडी कार्ड छीन लिया और कहा कि दोबारा यहां मत आना, नहीं तो जेल भेज देंगे। इसके बाद से प्रमोद कुमार कार्यक्रम का कवरेज नहीं कर पा रहे हैं।

इसके अलावा उक्‍त जनसंपर्क पदा‍धिकारी ने डीडी न्‍यूज के एक पत्रकार आकाश राज के साथ भी दुर्व्‍यवहार किया। जब आकाश्‍ कुमार ने उन्‍हें गुप्‍तेश्‍वर जी कह कर संबोधित किया तो वे गुस्‍सा हो गए क्‍योंकि उन्‍हें डीपीआरओ ‘साहब’ कहलाना पसंद है। कई पत्रकारों का आरोप है कि वे सरकारी सूचनाएं और प्रेस कान्‍फ्रेंस की सूचना देने में भी पत्रकारों के साथ भेदभावपूर्ण व्‍यवहार करते हैं और अपनी पसंद के पत्रकारों से ही सूचना साझा करते हैं। पूछने पर डीपीआरओ तर्क देते हैं कि ज्यादा पत्रकारों को जिलाधिकारी बुलाना नहीं चाहते, क्योंकि भीड़ हो जाती है । इस तरह आए दिन वे पत्रकारों के सूचना के अधिकार का भी दमन करते हैं। बिहार के पत्रकारों की मांग है कि ऐसे निरंकुश और तानाशाही अधिकारी को अविलंब बर्खाश्‍त कर प्रेस की स्‍वतंत्रता सुनिश्चित की जाए। मीडिया का काम है सच दिखाना और बिहार के पत्रकार अपने कर्तव्य निर्वहन की राह में प्रेस की गरिमा और स्‍वतंत्रता का अपमान कतई बर्दाश्‍त नहीं करेंगे। डीपीआरओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की सूरत में पत्रकार अपने हक और आवाज की निष्‍पक्षता को बचाने के लिए आंदोलन करने को बाध्‍य होंगे।

सुमिता जायसवाल, बिहारी बंगाल से
प्रमोद कुमार, बिहार
आकाश राज, बिहार
अरविंद शर्मा, बिहार
मनीष कुमार, बिहार
सूरज कुमार, बिहार
रजनीश किरण, बिहार
प्रीति सिंह, बिहार
श्रेया शर्मा, बिहार
लक्ष्‍मी मूर्ति , बैंगलोर
रेवथी, बैंगलोर
लिंडा छाकछुआक, शिलांग
अनुज शर्मा, बिहार
बलराम मिश्रा, बिहार
अभिषेक कुमार, बिहार

Read in English here.

Statements

We share statements pertaining to freedom of speech and expression issued by FSC and/or other organisations.

Related

Contempt of Court Order Against The Shillong Times Threatens Press Freedom The Network of Women in Media, India (NWMI) expresses concern over the order of the High Court of Meghalaya holding Patricia Mukhim and Shobha Chaudhuri of contempt of its court and imposing a fine of Rs 2 lakh to be paid within two weeks. […] Read More
Arundhati Roy, Aparna Sen, Romilla Thapar, Amitav Ghosh, Shabhana Azmi, Buddhadeb Dasgupta, Nandita Das, Mohammad Hanif, Anish Kapoor among other eminent persons from across South Asia have come together to write a letter to Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina Wazed demanding the immediate release of acclaimed photographer and cultural activist Shahidul Alam on the 100th […] Read More
The World’s Freedom of Expression is in Your Hands The Electronic Frontier Foundation (EFF) and more than 70 human and digital rights groups called on Mark Zuckerberg today to add real transparency and accountability to Facebook’s content removal process. Specifically, the groups demand that Facebook clearly explain how much content it removes, both rightly and […] Read More